मनाली के वो 5 सबसे खूबसूरत घूमने योग्य स्थान | Best 5 Places to Visit in Manali
मनाली, हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी का वो गहना है जो, अपने सुंदर दर्शनीय स्थलों और आश्चर्यजनक गतिविधियों के द्वारा यहाँ आने पर आपको सुकून प्रदान करता है। मनाली की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए दुनिया भर से पर्यटक आते हैं।(Best 5 Places to Visit in Manali)
मनाली, भारत के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। ये खुले पहाड़ों में बर्फ से ढके पहाड़ों में खेली जाने वाली साहसिक खेलों के प्रति उत्साही लोगों के लिए घर है। यहाँ की ऊँची बर्फ से ढकी पहाड़ की चोटियाँ, नए शादीशुदा जोड़ों के लिए हनीमून मनाने की पसंदीदा और प्रसिद्ध जगह है।

तो अपना बैग पैक करिये और चलो कुछ दिन पहाड़ों में, इस भागती हुई ज़िन्दगी से थोड़ा दूर, कुछ पलों को समेटने और प्रकृति को खोजने है। बस अपना मोबाइल और चार्जर लेना न भूले – फोटोज भी तो खींचने हैं।
हमने आपके लिए मनाली के 5 सबसे बढ़िया घूमने वाले स्थानों की सूचि बनाई है – Here is the list of best places to visit in Manali
1. सोलांग वैली - Solang Valley

सोलांग घाटी को ‘स्नो वैली – Snow Valley’ भी कहा जाता है क्योंकि बर्फ़बारी के बाद इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है जो पर्यटकों और यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, सोलंग घाटी ब्यास कुंड और सोलंग गांव के बीच में स्थित है।
सोलंग वैली में आप बहुत सी गतिविधियाँ भी कर सकते है जो वहां पर बिताए आपके समय को यादगार बना देते हैं। गतिविधियाँ की सूचि जो आप यहाँ कर सकते हैं –
- पैराग्लाइडिंग (Paragliding)
- ट्रैकिंग (Trekking)
- कैंपिंग (Campimg)
- जॉर्बिंग (Zorbing)
- बर्फ में बाइक चलना (Snow Biking)
- Quad Biking
- Gondola Rides
- स्कीइंग (Skiing)
2. हडिम्बा मंदिर - Hadimba Temple

हडिम्बा मंदिर को ढुंगरी मंदिर भी कहा जाता है, मंदिर का निर्माण महाराजा बहादुर सिंह ने 1553 में करवाया था जो अभी भी बिलकुल अच्छी हालत में है।
मंदिर के चारों ओर बहुत बड़े बड़े पेड़ हैं जो यहाँ के वातावरण को शुद्ध और शांति बनाये रखते हैं। यह मंदिर हिंदू महाकाव्य महाभारत से भीम की पत्नी देवी हडिम्बा को समर्पित है।
आप यहाँ याक की सवारी भी कर सकते हैं और तस्वीरों के लिए पोज देने के लिए तैयार खरगोश वहां के मुख्य भी आकर्षण हैं।
इसके अतिरिक्त, हर साल मई के मध्य में यहां एक आकर्षक तीन दिन का मेला होता है, जिसमे पूरे क्षेत्र के लोग शामिल होने आते हैं।
3. रोहतांग पास / दर्रा - Rohtang Pass

रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass), मनाली से 2-3 घंटे की दूरी पर स्तिथ है। यह कुल्लू घाटी को हिमाचल प्रदेश की लाहौल और स्पीति घाटियों से जोड़ता है। ये लगभग 4,000 मीटर की ऊँचाई पर स्तिथ है जिसका मुख्य आकर्षण बर्फ है।अधिक बर्फ होने से यहाँ आपको बर्फ में की जाने वाली बहुत सी गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
यहाँ ब्यास कुंड के पास, रोहतांग दर्रे के शीर्ष पर इग्लू (Igloo) के आकार का मंदिर है जिसमें एक झरना है जो ब्यास नदी का उद्गम स्थल है।रोहतांग दर्रा (Rohtang Pass) अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाने वाला ग्लेशियरों, चोटियों, लाहौल घाटी और चंद्रा नदी के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है।
भारी बर्फ़बारी होने के कारण रोहतांग दर्रा अप्रैल, मई से अक्टूबर तक साल के 6 से 7 महीनों के लिए ही खुला रहता है। इन दिनों में भी यहाँ वाहनों की संख्या भी प्रतिबंधित रहती है इसलिए यात्रा के एक दिन पहले यात्रा की मंजूरी के लिए परमिट लेना होता है।
4. पुरानी मनाली - Old Manali

यदि आप मनाली का दूसरा किनारा और पर्यटन स्थान देखना चाहते हैं तो बस मनालसू नदी के ऊपर बने पुल पार करें आपको मनाली शहर की हलचल से हटकर पुरानी मनाली के नाम से एक शांत गांव मिलेगा, जो साधारण पारंपरिक शैली के घरों से घिरा हुआ है।
पुरानी मनाली यात्रियों के लिए एक आरामदेह स्थान है। यहाँ की सड़क, गेस्टहाउस, कैफे और छोटी दुकानों से घिरी पड़ी है – जो बाहर आराम करने और दुनिया को देखने के लिए आदर्श है।
यहाँ पर एक प्रसिद्ध मनु मंदिर स्थित है, जो ऋषि मनु को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार ऋषि मनु भगवान द्वारा बनाए गए पहले व्यक्ति थे।
कुल मिलाकर, पुरानी मनाली शहर के जीवन की हलचल से दूर, एक शांत और सुखदायक वातावरण, और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ, छुट्टी मनाने के लिए एक आदर्श स्थान है।
5. वशिष्ठ मंदिर - Vashisht Temple

वशिष्ठ, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में ब्यास नदी के किनारे पर स्थित एक गाँव है, जो मनाली शहर से लगभग 10 मिनट की चढ़ाई पर है। यह एक शांत गांव है जहां वर्तमान समय में ज्यादातर शुद्ध ऊनी कपड़े बेचने वाली दुकानें और सुंदर कैफे हैं। वशिष्ठ के मुख्य आकर्षण यहाँ का वशिष्ठ मंदिर (Vashisht Temple) और गर्म पानी के झरने हैं।
वशिष्ठ नाम हिंदू के सात संतों में से एक ऋषि वशिष्ठ के नाम पर रखा गया है, जो श्री राम और श्री लक्ष्मण के गुरु थे। पौराणिक कहानी कहती है कि विश्वामित्र द्वारा अपने बच्चों को मारे जाने से दुखी ऋषि वशिष्ठ ने आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन नदी ने उन्हें मरने नहीं दिया।
इसलिए नदी का नाम विपाशा रखा गया, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘बंधन से मुक्ति’। जिसका बाद में नाम ‘ब्यास नदी’ कर दिया गया। वशिष्ठ मंदिर जो आज भी मौजूद है, उसे 4000 साल से भी ज्यादा पुराना माना जाता है।
जोगिनी जलप्रपात - Jogini Waterfall

इन सब के अतिरिक्त मैं आपको एक और स्थान के बारे में बताना चाहता हूँ जिसका नाम है – जोगिनी जलप्रपात (Jogini Waterfall)।
वशिष्ठ के पीछे पहाड़ियों के माध्यम से एक सुरम्य और सुखद छोटी पैदल यात्रा आपको जोगिनी पानी का झरने तक ले जाएगी।
झरने के आसपास का वातावरण वास्तव में मंत्रमुग्ध कर देने वाला है और इसके ठन्डे पानी में डुबकी लगाकर आपके शरीर में स्फूर्ति सी आ जाएगी।
रास्ते में कुछ छोटे रेस्तरां और गेस्टहाउस हैं जहाँ आप जोगिनी जलप्रपात के ताज़ा पानी में डुबकी लगाने से पहले या बाद में भोजन के लिए रुक सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें - Things to Note
मनाली में आपको मिलने वाले कई आकर्षण और रोमांच काफी खतरनाक हो सकते हैं – खासकर अगर क्षेत्र बाढ़ या भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं जैसे गंभीर मौसम का सामना कर रहा हो। आप क्षेत्र में कहीं भी जाएं, वहां के लिए बेहतर तैयारी के लिए, अपनी यात्रा पर जाने से पहले मौसम और सड़क की स्थिति की जांच करना सुनिश्चित करें।
तो अब यही कहूंगा – बैग पैक करिये और आ जाओ हिमाचल प्रदेश के मनाली में नज़ारो का मज़ा लेने – ये पहाड़ आपको बुला रहे हैं।
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धन्यवाद !