होली का त्यौहार हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में स्थित सुजानपुर में (Sujanpur Holi Mela, Himachal Pradesh) में बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
होली का त्यौहार, रंगों के साथ खेला जाने वाला एक ऐसा त्यौहार है जिसे सब लोग बिना किसी धर्म की बाधाओं के साथ मिलकर, एक दूसरे को रंग लगाकर खेलते हैं।
सुजानपुर की होली, यहां पर होली के समय लगने वाले मेले की वजह से प्रसिद्ध है। मेले में कई तरह के झूले, अलग-अलग प्रकार के खाने पीने, कपड़े, बच्चों के खिलोने, घर और खेती में इस्तेमाल किए जाने वाले सामान की दुकानें लगती हैं

सुजानपुर होली (Sujanpur Holi) मेले में कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन

Sujanpur Holi के मेले में कुश्ती प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है। जिसमे काफी दूर-दूर से नामी पहलवान हिस्सा लेते हैं।
होली के मेले की शुरुआत मुख्य अतिथि के द्वारा की जाती है। जिसके साथ ही कुश्ती प्रतियोगिता का को भी आरम्भ किया जाता है। कुश्ती प्रतियोगिता को देखने के लिए लोगों में बहुत उत्साह रहता है इसीलिए कुश्ती के समय बहुत सी भीड़ कुश्ती ग्राउंड के चारों तरफ लग जाती है। कुश्ती में भाग लेने वाले पहलवानों को लोगो द्वारा बहुत सम्मान दिया जाता है। साथ ही कमिटी के द्वारा विजेताओं को उपहार, ट्रॉफी और नकद राशि से सम्मानित किया जाता है।
मेले को शुरू करने से पहले की जाने वाली रस्म
राष्ट्र स्तरीय होली मेले को झंडा रस्म के साथ आरंभ किया जाता है। जिसमे सुजानपुर बस स्टैंड के समीप एक प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा के साथ एक बहुत ऊँचे झंडे (50 फ़ीट) को पर लगाकर किया जाता है। पूजा के समय ढोल और नगाड़े भी बजाए जाते हैं। ये परम्परा महाराजा संसार चंद के समय से ही चली आ रही है और इसको स्थानीय लोगो के द्वारा ही पूरा किया जाता है। पूजा समाप्ति पर वहां उपस्थित लोगो को प्रसाद बाँट कर मेले को आरम्भ किया जाता है।
सुजानपुर होली (Sujanpur Holi) मेले का इतिहास
सुजानपुर में होली के मेले को महाराजा संसार चंद द्वारा साल 1795 में शुरू करवाया गया था। जिसमे राजा, सुजानपुर के मैदान में प्रजा के साथ महल में बने खास तरह के गुलाल से तिलक लगा कर होली खेली थी। सुजानपुर के मैदान के एक छोर पर स्थित राधा कृष्ण जी के मंदिर से ही राजा ने होली का आगाज़ किया था। तब से आज तक होली को सुजानपुर में हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
# Sujanpur Holi Mela was first introduced by Maharaja Sansar Chand in 1795.
Sujanpur Holi मेले में जैविक विधि द्वारा उन्नत पौधों की प्रदर्शनी
Sujanpur Holi के मेले का मुख्य आकर्षण यहां 3 दिनों के लिए लगने वाली प्रदर्शनी है, जहां कई प्रकार की जैविक रूप से तैयार की हुई सब्जियां, फल और अनेक प्रकार के पौधे दिखाए जाते हैं। साथ ही इसमें खेती में उपयोग किए जाने वाले नए नए उपकरण भी दिखाए जाते हैं। यहां खेती को कैसे उन्नत बनाया जाए इसके बारे में भी बताया जाता है।
अनेक प्रकार के झूले, मिटटी के बर्तन और म्यूजिक शो

Holi के मेले में कई प्रकार के झूले भी लगाए जाते हैं जैसे की जॉइंट व्हील हवाई झूला, ब्रेक डांस झूला, ड्रैगन ट्रेन, मिकी माउस, जंपिंग चकरी, जादू शो, जो युवाओं और बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। जहां टिकट खरीदने के लिए लंबी लंबी कतारें लग जाती हैं।
Holi के मेले में एक और कतार से मिट्टी के घड़ों की दुकानें लगाई जाती हैं जहां आपको छोटे बड़े अलग अलग आकार के घड़े मिलेंगे जिन पर कई प्रकार की चित्रकारी की जाती है।नए मिट्टी के घड़े से आने वाली मिट्टी की खुशबू आपको अपना दीवाना बना देगी।
Holi के मेले के मुख्य दिनो की 3 रातों में म्यूजिक शो का भी आयोजन किया जाता है जहां हिमाचल और पंजाब के कई मुख्य गीतकारों और कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। यहां पर Amrit Maan, Jazzy B और Mika भी परफॉर्म कर चुके हैं।
साल 2020 और 2021 में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण सुजानपुर में होली के मेले का आयोजन नहीं किया गया था। लेकिन अब 2022 में कोरोना के प्रभाव के थोड़ा काम हो जाने के कारण, सामाजिक पाबंदियों के साथ Sujanpur में Holi के मेले का आयोजन किया जा रहा है।
आशा करते हैं की अब कोरोना का प्रभाव बिलकुल ख़त्म हो जाए और सब कुछ पहले की तरह नार्मल हो जाए। पोस्ट अगर अच्छी लगे तो इसे शेयर ज़रूर करें, साथ ही कोई भी सुझाव या अन्य किसी भी सूचना के लिए कमेंट करें।
होली 2022 की आप सब को बहुत बधाई !
धन्यवाद !
Sujanpur Holi Mela was first introduced by Maharaja Sansar Chand in 1795
सुजानपुर में होली के मेले को महाराजा संसार चंद द्वारा साल 1795 में शुरू करवाया गया था। जिसमे राजा, सुजानपुर के चौगान में प्रजा के साथ महल में बने खास तरह के गुलाल से तिलक लगा कर होली खेली थी। सुजानपुर के मैदान के एक छोर पर स्थित राधा कृष्ण जी के मंदिर से ही राजा ने होली का आगाज़ किया था। तब से आज तक होली को सुजानपुर में हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।
सुजानपुर में होली के मेले को महाराजा संसार चंद द्वारा साल 1795 में शुरू करवाया गया था। जिसमे राजा, सुजानपुर के चौगान में प्रजा के साथ महल में बने खास तरह के गुलाल से तिलक लगा कर होली खेली थी। सुजानपुर के मैदान के एक छोर पर स्थित राधा कृष्ण जी के मंदिर से ही राजा ने होली का आगाज़ किया था। तब से आज तक होली को सुजानपुर में हर साल बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है।